14.राजभर जाति
भरत भरतवंशी, (चंद्रवंशी
) क्षत्रिय है
राजभर जाति भरत भरतवंशी, (चंद्रवंशी ) क्षत्रिय है
श्री बलदेव
सिंह चंदेल (राजभर)
मुकाम राजेपुर ,पोस्ट
राजेसुल्तानपुर जिला फ़ैजाबाद
ने राजभर जाति
का इतिहास नामक
पुस्तक लिखी थी
जो वर्ष 1948 में
श्री दूधनाथ पुस्तकालय
नंबर 63 सूता पट्टी
बड़ा बाजार कलकत्ता
से छपी थी
में राजभर जाति
को भरत वंशी
,सूर्यवंशी (चंद्रवंशी ) क्षत्रिय
कहा है //
उन्होंने लिखा है --(विश्वामित्र का कथन )-
-भरत होयँगे हस्तिनापुर में वीर धीर बलधारी /
चक्रवर्ती राजा होएंगे भारत नाम करे जगजारी //
इनके पितु दुष्यंत कहावें ,शकुन्तला महतारी /
राजा भरत से राजभर जन्में उनकी कथा रहे विस्तारी //
यह पुस्तक 26 पृष्ठ की है श्री बलदेव सिंह चंदेल ने मुझे लगभग बीस प्रतियां मुझे दी थी जिसे मैंने वर्ष 1972 में जहाँ तहाँ बाँट दी थी केवल एक प्रति अपने पास रख ली थी जो की अभी भी मेरे पास है /
उन्होंने लिखा है --(विश्वामित्र का कथन )-
-भरत होयँगे हस्तिनापुर में वीर धीर बलधारी /
चक्रवर्ती राजा होएंगे भारत नाम करे जगजारी //
इनके पितु दुष्यंत कहावें ,शकुन्तला महतारी /
राजा भरत से राजभर जन्में उनकी कथा रहे विस्तारी //
यह पुस्तक 26 पृष्ठ की है श्री बलदेव सिंह चंदेल ने मुझे लगभग बीस प्रतियां मुझे दी थी जिसे मैंने वर्ष 1972 में जहाँ तहाँ बाँट दी थी केवल एक प्रति अपने पास रख ली थी जो की अभी भी मेरे पास है /
आचार्य शिवप्रसाद
सिंह राजगुरू
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BY- कैलाश नाथ राय भरतवंशी
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ADDRESS.- kailashnathrai0023@gmail.com
1 टिप्पणियाँ
फिर भी सभी लोग अपनी अपनी राजनीति की रोटीया सेक रहे हैं
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